दूरी - उदयपुर से 65 किमी
दर्शन प्रात: 6 30 बते मन्दिर खुलने का समय।
7 50 जल प्रक्षालन
8 15 दुग्ध प्रक्षालन
8 40 केसर पूजा
9 05 आरती
9 05 से 1 30 केसर पूजा
2 जल प्रक्षालन
2 25 दुग्ध प्रक्षालन
2 50 से 4 बजे तक केसर पूजा
5 आंगी धारण 6 15 आरती
8 35 मन्दिर मंगल
8 40 कपूर आरती
Tuesday, January 29, 2008
श्रीनाथजी के मन्दिर में दर्शन
शीतकाल मेंप्रात:कालीन समय1. मंगला 5 बजे से 5-45 बजे तक 2. श्रृंगार 6-45 से 7-15 तक 3. ग्वाल 8-45 बजे से 9-15 तक 4. राजभोग 10-30 से 11-15 तकसायंकालीन समय5. उत्थापन 3-30 से 3-45 बजे तक 6. भोग 4-00 से 4-15 बजे तक 7. आरती 4-30 से 5-15 तक 8. शयन 6-45 बजे से 7-30 बजे तकग्रीष्मकालीन मेंप्रात:कालीन समय1. मंगला 5-45 बजे से 6-30 बजे तक 2. श्रृंगार 7-00 से 7-30 जक 3. ग्वाल 9-00 बजे से 9-30 तक 4. राजभोग 11-00 से 11-45 तकसायंकालीन समय5. उत्थापन 3-45 से 4-00 बजे तक 6. भोग 4-15 बजे से 4-30 बजे तक 7. आरती 5-00 से 5-45 तक 8. शयन 7-00 बजे से 7-45 बजे तकमंदिर में दर्शन पुष्टिमार्गीय मर्यादा एवं परम्परा से होते हैं, जो अन्य संप्रदाय के मंदिरों से थोडा भिन्न है, राग, भोग एवं श्रृंगार का विशेष महत्व है साथ ही श्रीमदवल्लभाचार्यजी द्वारा प्रतिपादित शुद्वाद्वेत पुष्टिमार्गीय मतानुसार सेवा पूजा का विधान है। इन वजह से दर्शनों के समय में परिवर्तन संभव है।
श्रीद्वारिकाधीश (कांकरोली)
दूरी उदयपुर से 65 किमी
प्रात 7 बजे मंगला
8 30 श्रृंगार
9 15 ग्वाल
10 30 बजे राजभोग
4 15 उत्थापन
4 45 भोग
5 15 आरती
6 45 शयन
नोट :- दर्शन एवं दर्शन समय सेवा विधिविधान पर आधारित होने से परिवर्तन संभव है।
प्रात 7 बजे मंगला
8 30 श्रृंगार
9 15 ग्वाल
10 30 बजे राजभोग
4 15 उत्थापन
4 45 भोग
5 15 आरती
6 45 शयन
नोट :- दर्शन एवं दर्शन समय सेवा विधिविधान पर आधारित होने से परिवर्तन संभव है।
श्रीचारभुजाजी
दूरी उदयपुर से 103 किमी
दर्शन 6 बजे मंगला
8 30 बजे श्रृंगार एवं ग्वाल दर्शन
11 30 बजे राजभोग 3 बजे उत्थापन
7 बजे संध्या आरती 8 30 बजे शयन दर्शन
10 शयन आरती
दर्शन 6 बजे मंगला
8 30 बजे श्रृंगार एवं ग्वाल दर्शन
11 30 बजे राजभोग 3 बजे उत्थापन
7 बजे संध्या आरती 8 30 बजे शयन दर्शन
10 शयन आरती
श्रीसांवलिया जी (Shri Sanwaliyanath) (अत Chittoregath)
दर्शन प्रात: 5 30 बजे मंगला
7 30 श्रृंगार
10 11 15 राजभोग
2 30 बजे उत्थापन
8 से 9 15 आरती
11 बजे शयन
7 30 श्रृंगार
10 11 15 राजभोग
2 30 बजे उत्थापन
8 से 9 15 आरती
11 बजे शयन
Friday, January 25, 2008
भगवान श्री एकलिंगनाथ (Shri Eklingh Nath)
मेवाड के प्रसिद्ध दर्शनीय तीर्थधामों में से एक प्रसिद्ध विश्व प्रसिद्ध भगवान श्री शिव का मन्दिर (Lord Shiva Temple) जो श्री एकलिंगनाथ के नाम से जाना जाता है। यह स्थान कैलाशपुरी के नाम से भी जाना जाता है, राजस्थान के विश्व प्रसिद्ध नगर और झीलों की नगरी उदयपुर से 20 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग पर उत्तर दिशा में स्थित है। यहॉं का शिव मन्दिर 1400 वर्षों पुराना है। श्री एकलिंगनाथ मेवाड के महाराणाओं के आराध्य और मेवाड के कुलपुरूष भी माने जाते हैं। मेवाड के महाराणा भगवान श्री एकलिंगनाथ (शिव) को मेवाड का अधिपति मान स्वयं को मेवाड का दीवान (Prime Minister) मान मेवाड का शासन प्रबन्ध करते थे। जो लोकतन्त्र की बहुत बडी मिसाल है।
श्री एकलिंगनाथ जी (कैलाशपुरी) में दर्शनों का समय
दूरी – उदयपुर से (20 किमी)
दर्शन – प्रात: 4.15 से 6.45 तक
मध्याह्न 10.30 से 1.30 तक
सायंकाल 5.30 से 7.45 तक
दर्शन सम्पूर्ण पूजा पर्यन्त खुले रहते हैं जिसमें दर्शन लगभग ढाई घण्टे होते हैं।
श्री एकलिंगनाथ जी (कैलाशपुरी) में दर्शनों का समय
दूरी – उदयपुर से (20 किमी)
दर्शन – प्रात: 4.15 से 6.45 तक
मध्याह्न 10.30 से 1.30 तक
सायंकाल 5.30 से 7.45 तक
दर्शन सम्पूर्ण पूजा पर्यन्त खुले रहते हैं जिसमें दर्शन लगभग ढाई घण्टे होते हैं।
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