Tuesday, January 29, 2008

श्रीनाथजी के मन्दिर में दर्शन

शीतकाल मेंप्रात:कालीन समय1. मंगला 5 बजे से 5-45 बजे तक 2. श्रृंगार 6-45 से 7-15 तक 3. ग्‍वाल 8-45 बजे से 9-15 तक 4. राजभोग 10-30 से 11-15 तकसायंकालीन समय5. उत्‍थापन 3-30 से 3-45 बजे तक 6. भोग 4-00 से 4-15 बजे तक 7. आरती 4-30 से 5-15 तक 8. शयन 6-45 बजे से 7-30 बजे तकग्रीष्‍मकालीन मेंप्रात:कालीन समय1. मंगला 5-45 बजे से 6-30 बजे तक 2. श्रृंगार 7-00 से 7-30 जक 3. ग्‍वाल 9-00 बजे से 9-30 तक 4. राजभोग 11-00 से 11-45 तकसायंकालीन समय5. उत्‍थापन 3-45 से 4-00 बजे तक 6. भोग 4-15 बजे से 4-30 बजे तक 7. आरती 5-00 से 5-45 तक 8. शयन 7-00 बजे से 7-45 बजे तकमंदिर में दर्शन पुष्टिमार्गीय मर्यादा एवं परम्परा से होते हैं, जो अन्य संप्रदाय के मंदिरों से थोडा भिन्न है, राग, भोग एवं श्रृंगार का विशेष महत्व है साथ ही श्रीमदवल्लभाचार्यजी द्वारा प्रतिपादित शुद्वाद्वेत पुष्टिमार्गीय मतानुसार सेवा पूजा का विधान है। इन वजह से दर्शनों के समय में परिवर्तन संभव है।

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